'संवदिया' का जुलाई-सितंबर 2012 अंक प्रकाशित हो गया है, जिसके मुखपृष्ठ पर द्विवेदीयुगीन कवि, लेखक और अनुवादक राजा कमलानंद सिंह 'साहित्यसरोज' का छायाचित्र सुशोभित है। अंक में उनके व्यक्ितत्व और कृतित्व पर गिरिजानंद सिंह का आलेख प्रकाशित किया गया है। अंक में आकांक्षा यादव (लोक साहित्य में स्वाधीनता की अनुगूँज), कर्नल अजित दत्त (श्रीकृष्ण का महाप्रयाण), संजीव रंजन (हौले हौले ट्रक चले), संजीव ठाकुर (चंद्रबिंदु का सवाल) तथा रेवती नंदन विश्वास (रेणु की कहानियों में कथा मानक रूप) के आलेख भी प्रकाशित हैं।
श्यामसुंदर घोष द्वारा लिखित 'आत्मशोकोद्गार भी इस अंक की एक विशिष्ट रचना है।
प्रस्तुत अंक कविता, कहानी, लघुकथा, गजल, दोहे, हाइकु, समीक्षा आदि विधाओं की रचनाओं से भी समृद्ध है। इसमें जोगेश्वर जख्मी, सूरज तिवारी मलय, राहुल राजेश, वंदना शर्मा, रेखा चौधरी, हरिश्चंद्र सिंह, हरीलाल मिलन, ए. कीर्तिवर्द्धन, शैलेश प्रताप सिंह और प्रतिभा कुमारी की कविताऍं; सुधाकर गजेंद्र, अंजनी कुमार शर्मा, श्याम सखा श्याम और मिथिलेश आदित्य की गजलें, सुरेश उजाला के हाइकु और सुबोध कुमार सुधाकर के दोहे प्रकाशित हैं।
कथासाहित्य के अंतर्गत राजेंद्र परदेसी, तारिक असलम तस्नीम और चौधरी भगवंत सहयोगी की कहानियॉं तथा ओमप्रकाश कश्यप, ठाकुर शंकर कुमार, रामखेलावन प्रजापति, ओमप्रकाश पांडेय मंजुल, रामदेव प्रसाद शर्मा, अशफाक कादरी, अश्िवनी कुमार आलोक, सुरेंद्र कुमार, नीरज पासवान जिज्ञासु तथा राजेश्वरी पंडित की लघुकथाऍं प्रकाशित की गई हैं।
'खास किताब' के अंतर्गत देवेंद्र कुमार देवेश की चर्चित आलोचना पुस्तक 'गीतांजलि के हिंदी अनुवाद' की विस्तृत समीक्षा वरुण कुमार तिवारी ने लिखी है। अन्य पुस्तक समीक्षाओं में रामचंद्र यादव के कहानी-संग्रह 'जेठ की धूप' तथा अरविंद श्रीवास्तव के कविता-संग्रह 'राजधानी में एक उजबेक लड़की' की समीक्षाऍं प्रकाशित हैं।
प्रस्तुत अंक कविता, कहानी, लघुकथा, गजल, दोहे, हाइकु, समीक्षा आदि विधाओं की रचनाओं से भी समृद्ध है। इसमें जोगेश्वर जख्मी, सूरज तिवारी मलय, राहुल राजेश, वंदना शर्मा, रेखा चौधरी, हरिश्चंद्र सिंह, हरीलाल मिलन, ए. कीर्तिवर्द्धन, शैलेश प्रताप सिंह और प्रतिभा कुमारी की कविताऍं; सुधाकर गजेंद्र, अंजनी कुमार शर्मा, श्याम सखा श्याम और मिथिलेश आदित्य की गजलें, सुरेश उजाला के हाइकु और सुबोध कुमार सुधाकर के दोहे प्रकाशित हैं।
कथासाहित्य के अंतर्गत राजेंद्र परदेसी, तारिक असलम तस्नीम और चौधरी भगवंत सहयोगी की कहानियॉं तथा ओमप्रकाश कश्यप, ठाकुर शंकर कुमार, रामखेलावन प्रजापति, ओमप्रकाश पांडेय मंजुल, रामदेव प्रसाद शर्मा, अशफाक कादरी, अश्िवनी कुमार आलोक, सुरेंद्र कुमार, नीरज पासवान जिज्ञासु तथा राजेश्वरी पंडित की लघुकथाऍं प्रकाशित की गई हैं।
'खास किताब' के अंतर्गत देवेंद्र कुमार देवेश की चर्चित आलोचना पुस्तक 'गीतांजलि के हिंदी अनुवाद' की विस्तृत समीक्षा वरुण कुमार तिवारी ने लिखी है। अन्य पुस्तक समीक्षाओं में रामचंद्र यादव के कहानी-संग्रह 'जेठ की धूप' तथा अरविंद श्रीवास्तव के कविता-संग्रह 'राजधानी में एक उजबेक लड़की' की समीक्षाऍं प्रकाशित हैं।
संपादक श्री भोला पंडित 'प्रणयी'जी, आप को बहुत बहुत बधाई इस प्रवृत्ति के लिए.
ReplyDeleteચોપડાંપૂજન नाम से ब्लॉग का निर्माण भारतीय भाषाओं में चल रही साहित्यिक गतिसिधि को अर्पण है. आप के पास हिंदी साहित्य सम्बंधित कोई समाचार या जानकारी हो तो वो मेरे साथ साझा कर सकते है. हर नए अंक प्रकाशित होने के मौके पर आप पत्रिका के अंक के बारे में ब्लॉग के लिए मेटर भेज सकते है.इस के अलावा कोई भी साहित्यिक समाचार, पुस्तक समीक्षा / जानकारी का स्वागत है. मेरा मेल आईडी, इस ब्लॉग के लिए : raajubook@gmail.com और ब्लॉग की लिंक : ચોપડાંપૂજન : http://wereader.blogspot.in/