Friday, September 24, 2010

'संवदिया' : जुलाई-सितंबर 2010, रामनारायण तूफान पर विशेष


'संवदिया' का जुलाई-सितंबर 2010 का अंक कुछ देर से प्रकाशित हुआ है। यह अंक विशेष रूप से कोसी अंचल के स्‍वतंत्रता सेनानी, रंगकर्मी नाटककार रामनारायण तूफान पर केन्‍द्रित है। अंक में उनके ग्रामीण युवा रंगकर्मी नाटककार अखिलेश अखिल द्वारा लिखित आलेख के साथ-साथ रामनारायण तूफान का आत्‍मकथ्‍य 'मेरी जीवन-यात्रा' प्रकाशित किया गया है।
अंक की अन्‍य विशिष्‍ट सामग्री है, राम शिव मूर्ति यादव द्वारा जाति आधारित जनगणना की अनिवार्यता पर लिखा गया आलेख, जिसमें उन्‍होंने पर्याप्‍त ऑंकड़े और तर्क प्रस्‍तुत करते हुए जाति आधारित जनगणना को अनिवार्य बताया है। अंक की अन्‍य सामग्रियों में हैं--हरि दिवाकर की कहानी 'हैप्‍पी न्‍यू ईयर' जवाहर किशोर प्रसाद की 'एहसास की नई सुबह', लव शर्मा प्रशांत की 'टूटते रिश्‍ते' और सुभाष नज्‍म की 'मेरा कसूर क्‍या था'।
अंक में प्रकाशित अन्‍य महत्‍वपूर्ण आलेख हैं--'राजधानी दिल्‍ली' (कर्नल अजित दत्‍त) और 'त्रिपुरा दर्शन' (संजीव रंजन)। इनके अलावा अंक का मुख्‍य आकर्षण है--शांति सुमन, श्‍याम सुंदर घोष, भोला पंडित प्रणयी, जोगेश्‍वर जख्‍मी, खेदन प्रसाद चंचल और शिवनारायण शर्मा व्‍यथित के गीत तथा अनुज प्रभात, रेखा व्‍यास, देवेन्‍द्र कुमार मिश्रा, एस. एम. एस. अहमद और मिथिलेश आदित्‍य की कविताऍं। अंक में शांति सुमन के कृतित्‍व पर प्रकाशित पुस्‍तक की लंबी समीक्षा भी प्रकाशित की गई है, जो मधुसूदन साहा के द्वारा लिखी गई है।